पंजाब के अमृतसर में एक बड़े हादसे में अब तक 61 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी है। यह हादसा अमृतसर और मनावला के बीच रेलवे फाटक नंबर 27 के पास हुआ है। जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय वहां रावण दहन देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर थीं।
चश्मदीदों के मुताबिक जोड़ा रेलवे फाटक के पास रेल ट्रैक से बमुश्किल 25 मीटर की दूरी पर रावण का पुतला खड़ा किया गया था, जब पुतला दहन शुरू हुआ उस दौरान वहां पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कुछ लोग पटरियों पर भी थे उसी वक्त वहां अमृतसर-हावड़ा ट्रेन तेज़ रफ्तार के साथ उस ट्रैक पर आ गई, ट्रेन की चपेट में आने से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई।
Train Accident #Amritsar pic.twitter.com/THs3jfp0fZ
— Satinder pal singh (@SATINDER_13) October 19, 2018
पंजाब सरकार में मौजूदा मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर उसी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं, जहां ये हादसा हुआ, जो लगभग उसी वक्त वहां से चली गईं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इजरायल दौरे पर जाने के लिए दिल्ली में थे, जो दौरा रद्द कर अमृतसर पहुंचे हैं। पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों के 5-5 लाख और केंद्र सरकार ने 2-2 लाख रुपये तथा घायलों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है।
नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने हादसे के बाद वहां से तुरंत कार से निकल जाने के आरोपों पर कहा है कि रावण का पुतला जल गया था और वह वहां से निकल चुकी थी। प्राथमिकता घायलों को इलाज देने की होनी चाहिए। वहां हर साल दशहरे का आयोजन होता है। जो लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए।
पिछले कई वर्षों से यहां दशहरे के अवसर पर रावण दहन का आयोजन किया जाता था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, इस साल भी यहां रावण दहन का आयोजन किया गया था। दहन के दौरान पटाखों की आवाज तेज होने की वजह से वहां मौजूद लोग ट्रेन के हॉर्न की आवाज नहीं सुन पाए और यह घटना हो गई।