उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व दिग्गज कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी का 93 साल की उम्र में गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। करीब एक साल से बीमार एनडी तिवारी ने दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में दोपहर 2.50 बजे अंतिम सांस ली। 12 अक्टूबर को उन्हें अस्पताल के ICU में शिफ्ट किया गया था। वह बुखार और न्यूमोनिया से पीड़ित थे।
एनडी तिवारी का जन्म आज ही के दिन यानी 18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल के बलूनी गांव के कुमाऊंनी परिवार में हुआ था और संयोगवश उनका निधन भी 18 अक्टूबर को ही हुआ। तिवारी के परिवार में पत्नी उज्ज्वला और बेटा रोहित शेखर हैं।
एनडी तिवारी ने लंबी सियासी पारी खेली। आजादी के बाद यूपी में हुए पहले चुनाव में वह नैनीताल से प्रजा समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे। वह तीन बार- जनवरी 1976 से अप्रैल 1977, अगस्त 1984 से सितंबर 1985 और जून 1988 से दिसंबर 1989 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2002-07 तक उत्तराखंड के भी तीसरे मुख्यमंत्री रहे। इससे पहले 1980 में 7वीं लोकसभा के लिए वह निर्वाचित हुए थे और केंद्रीय मंत्री के तौर पर काम किया। 1985-1988 तक वह राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
1990 के दशक में एक समय उन्हें प्रधानमंत्री का प्रबल दावेदार माना जा रहा था हालांकि पीवी नरसिम्हा राव को यह पद मिला। इसकी वजह यह भी थी कि एनडी तिवारी महज 800 वोटों से लोकसभा का चुनाव हार गए थे। 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड अलग राज्य बना था। पिछले 18 वर्षों में वह अकेले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होंने हिमालयी राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उनकी छवि एक सर्वमान्य नेता की रही, जिन्हें सभी पार्टियों के लोग आदर और सम्मान देते थे।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने लिखा कि एनडी तिवारी के निधन से गहरा दुख हुआ। एक दिग्गज नेता, जो अपने प्रशासनिक गुणों के लिए जाने जाते थे। उन्हें औद्योगिक विकास के साथ-साथ यूपी और उत्तराखंड के विकास के लिए किए गए उनके प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं।
Saddened by the passing away of Shri ND Tiwari Ji. A towering leader, he was known for his administrative skills. He will be remembered for his efforts towards industrial growth & working for the progress of UP & Uttarakhand, a state he steered in its initial days. My condolences
— Narendra Modi (@narendramodi) October 18, 2018
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने एनडी तिवारी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया था। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
वरिष्ठ राजनेता श्री नारायण दत्त तिवारी जी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। तिवारी जी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष किया, वह तीन बार उत्तर प्रदेश के और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।
— Amit Shah (@AmitShah) October 18, 2018
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एनडी तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए तिवारी को कांग्रेस का सम्मानित सदस्य बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी लाइन से अलग हटकर लोग उनका सम्मान और प्रशंसा करते थे।
I’m sorry to hear about the passing of Shri N D Tiwari ji an important and illustrious member of the Congress family, who was respected and admired across party lines. My condolences to his family in their time of grief.
Om Shanti.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 18, 2018
वर्ष 2008 में एनडी तिवारी को जैविक पिता बताते हुए रोहित शेखर ने कोर्ट में मुकदमा किया खा, जिस पर कोर्ट ने डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया तो एनडी तिवारी ने अपना नमूना ही नहीं दिया। बाद में एनडी तिवारी ने रोहित को अपना कानूनी रूप से बेटा मानते हुए संपत्ति का वारिस बनाया, वहीं रोहित शेखर की मां उज्जवला से 88 साल की उम्र में शादी भी की।