लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश करने पर तीन तलाक पीडि़त महिलाएं खुश हैं। सभी ने कहा है कि आज को उनके लिए ईद से भी बड़ा पर्व है। तीन तलाक पीडि़त महिलाएं इस बिल को सदन में पेश करने पर बेहद प्रसन्न है| इन सब के बीच तीन तलाक पीडि़त महिलाओं ने इस बिल को और आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना विरोध जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। विपक्ष भी बिल के समर्थन में नहीं है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आज तलाक-ए-विद्दत यानी एक साथ तीन तलाक देने की प्रथा पर रोकथाम के लिए बिल लोकसभा में पेश किया। इस बिल में एक साथ तीन तलाक देने पर तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
लखनऊ की रहने वाली तीन तलाक पीडि़त हुमा कायनात ने कहा कि हमारी तरह की महिलाएं जिन्हें तलाक दे दिया गया और वह जिन्हें तीन तलाक के नाम पर डराया जाता है इस बिल से लाभान्वित होंगी। अगर घरेलू हिंसा कानून की तरह अगर तीन तलाक विरोधी कोई कानून बनता है तो हमें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
आगरा की रहने वाली तीन तलाक पीडि़त फैज़ा खान कहती हैं कि हम बहुत ही खुश हैं कि मोदीजी और योगीजी ने मुस्लिम महिला के हित में यह बड़ा कदम उठाया गया। आज का दिन हमारे लिए ईद व बकरीद से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम पांडेय ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस इस बात पर नहीं होनी चाहिए कि अन्य धर्मों में भी ऐसी कुरीतियां हैं। अगर अन्य धर्मों में भी कुरीतियां है तो यह बहाना नहीं बनना चाहिए कि कानून न बने। अगर तीन तलाक के मामले में कानून बनता है तो इसमें ऐतराज क्या है।
रामपुर में तीन तलाक से पीडि़त गुल अफशां ने कहा कि देश में तीन तलाक को तत्काल प्रतिबंधित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद में तीन तलाक बिल का सभी को समर्थन करना चाहिए। मैं तो संसद में लाए जा रहे बिल के समर्थन में हूं। तीन दिन पहले रामपुर में गुल अफशां के शौहर ने उसको सिर्फ इस बात के लिए तीन तलाक बोल दिया था, जब वह एक दिन सुबह देर से सोकर उठी थीं।
इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सेक्रेटरी जफरयाब जिलानी का कहना है कि देश के मामले में लोग अपनी बात कहते हैं और सरकरा अपना काम कर रही हैं। हमें जो कहना था वह कह दिया। अब सरकार जो कर रही है करने दो। हम बिल को पेश होने के बाद देखेंगे क्या करना है। हम आखिरी दिन तक बिल का विरोध करेंगे। बिल का पेश होना या पास होना आखिरी रास्ता नहीं है। इस देश में जम्हूरियत नाम की चीज भी है। सरकार की अपनी पुलिस है। प्रधानमंत्री का अपना एजेंडा है। उनके सामने 2019 का इलेक्शन है।
Women in Varanasi celebrate after #TripleTalaqBill was passed in Lok Sabha pic.twitter.com/uHl7E3TwUy
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2017
रामपुर में देर से सोकर उठने पर एक महिला को शौहर के तलाक देने के मामले में जिलानी ने कहा कि यह सही है, लेकिन क्या और मजहबों में ऐसा नहीं है।
हिंदू महिलाओं को भी दहेज के नाम पर प्रताडि़त किया जाता है। उसके लिए सरकार क्या कर रही है। सरकार इस्लाम में दखलंदाजी क्यों कर रही है।
Agra: We are really happy that the procedure started by Modi Ji & Yogi Ji for Muslim women is going to succeed. This day will be more significant in Muslim women's life than Eid or Bakrid: Faiza Khan, victim on #TripleTalaqBill pic.twitter.com/vbbY6WmHaM
— ANI UP (@ANINewsUP) December 28, 2017