Home उत्तर प्रदेश मकबरा तोड़फोड़: फतेहपुर में विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता गिरफ्तार

मकबरा तोड़फोड़: फतेहपुर में विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता गिरफ्तार


उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मुगलकालीन मकबरे में हुई तोड़फोड़ के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है. इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के नगर अध्यक्ष आरिफ उर्फ गुड्डा और उनके समर्थकों को निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.

मकबरा तोड़फोड़: फतेहपुर में विरोध प्रदर्शन के बाद कांग्रेस नेता गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मुगलकालीन मकबरे में हुई तोड़फोड़ के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है. इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के नगर अध्यक्ष आरिफ उर्फ गुड्डा और उनके समर्थकों को निषेधाज्ञा के उल्लंघन के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.

घटना और विरोध
कानपुर से सटे आबू नगर में 11 अगस्त को कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने मकबरे में तोड़फोड़ कर इसे एक हिंदू मंदिर स्थल होने का दावा किया था. इसके बाद से ही राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. कांग्रेस नेताओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया, जिसके कारण उनकी गिरफ्तारी हुई. कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी को भी नजरबंद कर दिया गया है, जिसे उन्होंने ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया है.

राजनीतिक प्रतिक्रिया और सुरक्षा व्यवस्था
समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश उत्तम पटेल ने भी इस घटना को निंदनीय बताया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है. दूसरी ओर, ‘तामेश्वर मंदिर मेला समिति’ के प्रमुख विजय शंकर शुक्ला ने मकबरे की जगह को ‘ठाकुर सिद्धपीठ मंदिर’ बताते हुए दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है. उन्होंने हिंदू समुदाय के सदस्यों की गिरफ्तारी होने पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की धमकी भी दी है.

प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. मकबरे के एक किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया गया है और मीडिया के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज) अजय मिश्रा ने पुलिस की संभावित चूक की जांच शुरू कर दी है और अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं.

एफआईआर और कानूनी कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. एफआईआर में कई राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के नाम शामिल हैं, जैसे कि बजरंग दल, भाजपा और समाजवादी पार्टी के सदस्य.

यह घटना एक स्थानीय महिला के शव को मकबरे के पास दफनाने की योजना के बाद और भी तनावपूर्ण हो गई थी, जिसे प्रशासन ने अनुमति नहीं दी. सोशल मीडिया पर भी दोनों पक्षों की ओर से भड़काऊ टिप्पणियां और वीडियो प्रसारित किए जा रहे हैं, जिससे स्थिति और संवेदनशील हो गई है.


कहानी का सारांश

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मुगलकालीन मकबरे में तोड़फोड़ के बाद से राजनीतिक तनाव बढ़ गया है. घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के नगर अध्यक्ष आरिफ उर्फ गुड्डा और उनके समर्थकों को पुलिस ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. वहीं, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष महेश द्विवेदी को भी नजरबंद कर दिया गया, जिस पर उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ बताया.

इस घटना के बाद से ही राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश उत्तम पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है. दूसरी ओर, ‘तामेश्वर मंदिर मेला समिति’ ने इस जगह को ‘ठाकुर सिद्धपीठ मंदिर’ बताते हुए दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है और हिंदू समुदाय के सदस्यों की गिरफ्तारी होने पर बड़े प्रदर्शन की धमकी दी है.

पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें भाजपा और सपा दोनों से जुड़े नेताओं के नाम शामिल हैं, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. जिले में तनाव को देखते हुए मकबरे के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया है और मीडिया के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है. पुलिस महानिरीक्षक (प्रयागराज) अजय मिश्रा ने पुलिस की संभावित लापरवाही की जांच शुरू कर दी.