भाजपा मिशन 2024 के लिए यूपी पर खासतौर पर फोकस कर रही है। पिछले दिनों सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर और सपा छोड़कर दारा सिंह चौहान ने भाजपा का दामन थामा तो यह सिलसिला अभी भी जारी है। सोमवार को भी आरएलडी छोड़कर पूर्व सांसद राजपाल सैनी और सपा छोड़कर पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी समेत कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा ने इन नेताओं और समर्थकों को अपने पाले में लाकर विपक्षी एकता को बड़ा झटका दिया है वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है। अखिलेश यादव ने भाजपा पर तंज कसते हुए लिखा कि ‘कुछ लोग चले गए 2000 नोट के तरह’
अखिलेश यादव भाजपा की केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की लगातार आलोचना करते रहते हैं। उन्होंने इस बार भी नोटबंदी का नाम लेते हुए भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
बताते चलें कि भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने सोमवार को बताया कि पार्टी के राज्य मुख्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक की मौजूदगी में आरएलडी छोड़कर आए पूर्व सांसद राजपाल सैनी, समाजवादी पार्टी छोड़कर आएं प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी, सपा के पूर्व सांसद अंशुल वर्मा, सपा की पूर्व विधायक सुषमा पटेल समेत अन्य लोगों को भाजपा में शामिल किया गया है।
उधर वाराणसी में भी लोकसभा की पूर्व सपा प्रत्याशी शालिनी यादव, पूर्व मंत्री जगदीश सोनकर, पूर्व विधायक गुलाब सरोज समेत एक दर्जन नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ली है।
सोमवार को भाजपा में शामिल होने वाले ज्यादातर नेता पिछड़ा वर्ग से आते हैं। हाल ही में प्रमुख ओबीसी नेताओं पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर और पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के भाजपा में शामिल होने के बाद सोमवार को बड़ी संख्या में विपक्षी खेमे के नेताओं का भाजपा में शामिल होना, सत्तापक्ष की ओर से विपक्ष को तगड़ा झटका माना जा रहा है।
बहरहाल अखिलेश यादव के लिए राहत की बात इतनी है कि पिछले दिनों आरएलडी के जयंत चौधरी को लेकर बातें हो रही थीं, वह अब शांत हो गई हैं। जयंत ने पिछले दिनों अखिलेश यादव के साथ तस्वीर शेयर करके इशारा कर दिया था कि वह अपने पुराने गठबंधन में ही बने रहेंगे।