मेरठ के भूनी टोल प्लाजा पर भारतीय सेना के जवान से मारपीट के बाद NHAI ने बड़ी कार्रवाई की है। टोल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और ऑपरेटर पर ₹20 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। जानें क्यों और कैसे हुई यह घटना।
मेरठ में भारतीय सेना के एक जवान पर टोल प्लाजा कर्मियों द्वारा किए गए जानलेवा हमले के बाद NHAI ने कड़ी कार्रवाई की है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, भूनी टोल प्लाजा का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है और ऑपरेटर पर ₹20 लाख का भारी जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या हुआ था?
रविवार को, कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात एक जवान अपनी छुट्टी के बाद ड्यूटी पर वापस लौट रहे थे। मेरठ के भूनी टोल प्लाजा पर उन्होंने अपना पहचान पत्र दिखाकर टोल से छूट मांगी, जो कि सेना के जवानों को मिलती है। इसी बात को लेकर टोल कर्मियों के साथ उनकी बहस हुई और फिर उन पर हमला कर दिया गया।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सेना ने कड़ा रुख अपनाया।
हुई सख्त कार्रवाई
सेना की आपत्ति के बाद मेरठ पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया और हत्या की कोशिश, गैरकानूनी जमावड़ा और डकैती जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की।
सेना की हत्या की कोशिश, डकैती की धाराओं में दर्ज कराई प्राथमिकी.
सेना की सूर्य कमांड ने बयान जारी कर कहा – “सर्विंग सैनिक के साथ इस तरह की घटना अस्वीकार्य है. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.” सेना ने मेरठ पुलिस से संपर्क कर FIR दर्ज कराई, जिसमें हत्या की कोशिश, गैरकानूनी जमावड़ा और डकैती की धाराएं शामिल हैं. अब तक छह आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
वहीं, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने भी मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने टोल एजेंसी ‘मेसर्स धरम सिंह’ पर ₹20 लाख का जुर्माना लगाया और भविष्य की सभी टोल बिडिंग से उसे प्रतिबंधित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। NHAI ने अपने बयान में कहा कि वे राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।