सांसद को माननीय कहा जाता है और उनसे वैसे ही आचरण की उम्मीद की जाती है लेकिन भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद के भीतर जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया उसने पद की गरिमा को शर्मसार कर दिया। दक्षिणी दिल्ली से भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने गुरुवार को जिस तरह के अपशब्द, जिस तरह की सड़कछाप भाषा का स्तेमाल किया उसे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह बर्दाश्त नहीं कर पाए तो उन्हें खेद जताना पड़ा।
राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की मानें तो केंद्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी ने बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल बसपा के सांसद दानिश अली के लिए किया। हैरानी की बात यह रही कि जिस दौरान पर अपशब्दों का प्रयोग कर रहे थे उस वक्त उनकी बगल की सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद बैठे थे और उनके चेहरे परमुस्कान बिखर रही थी। यह दृश्य बहुत से लोगों को नागवार गुजरा। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी कि वह बिधूड़ी की ऐसी भाषा का समर्थन नहीं करते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के ज्यादातर नेता बात-बात पर जिस लोकतंत्र के मंदिर की बात करते हैं वहीं पर उनके ही एक सांसद किस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे उन्हें बताया नहीं जा सकता। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बिधूड़ी के संबोधन का एक हिस्सा शेयर करते हुए लिखा कि कोई शर्म नहीं बची है। बाद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को खेद जताना पड़ा।
बहरहाल रमेश बिधूड़ी के शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया। राजनाथ ने कहा कि उन्होंने वह बात नहीं सुनी लेकिन बिधूड़ी ने अगर ऐसा कुछ कहा है जिससे बसपा सांसद की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं इस पर खेद व्यक्त करता हूं। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी कि अगर ऐसी हरकत दोबारा हुई तो सख्त कार्रवाई होगी।
रमेश बिधूड़ी अच्छे-खासे पढ़े-लिखे सांसद हैं और उनसे ऐसी भाषा सुन कर हर कोई हैरान है। दिल्ली में जन्मे बिधूड़ी ने बीकॉम, एलएलबी की डिग्री ली है। उन्होंने प्रोफेशन में वकील, बिजनस, किसान और सोशल वर्कर लिखा है। वह 2003 से मई 2014 तक दिल्ली के विधायक रहे। 2014 और 2019 में लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वह शहरी विकास, ओबीसी कल्याण, श्रम और रोजगार से संबंधित कई समितियों में शामिल रहे हैं।