49 बच्चों की मौत के मामले में फर्रुखाबाद के लोहिया अस्पताल के डॉक्टर ने बयान दिया है कि बच्चों की मौत हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से नहीं हुई है।
लोहिया अस्पताल के सीनियर डॉक्टर कैलाश का कहना है कि पैदा होते समय नवजात बच्चों के दिमाग में आक्सीजन की कमी होने की वजह से अक्सर मौत हो जाती है इसमें हॉस्पिटल को दोष देना गलत है।
Dimaag mein Oxygen ki kami ki wajah se birth asphyxia ban jaata hai, dimaag mein sujan aa jaati hai, uss bimaari se mare hain: Dr. Kailash pic.twitter.com/9Ex31UO224
— ANI UP (@ANINewsUP) September 4, 2017
फर्रुखाबाद स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के बालरोग विभाग के प्रभारी डॉ. कैलाश ने डीएम द्वारा गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट पर पलटवार करते हुए कहा कि कमेटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट सही नहीं है। रिपोर्ट में हॉस्पिटल की लापरवाही उजागर की गई है इसकी जांच होनी चाहिए। डिलीवरी के दौरान ही बच्चे के दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिसके कारण ऑस्फीशिया बन जाता है, दिमाग में सूजन आ जाती है। उसी बीमारी से यहां बच्चों की मौत हुई है।
20 जुलाई से 20 अगस्त के बीच फर्रुखाबाद के जिला चिकित्सालय लोहिया महिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में 49 बच्चों की मौत हुई थी। इस मामले पर डीएम ने कमेटी गठित की। इस कमेटी में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम समेत तीन प्रशासनिक अधिकारी थे। कमेटी ने दो दिन पहले शनिवार को ये रिपोर्ट जिलाधिकारी रविंद्र कुमार को सौंपी।
Farrukhabad: 49 children died in Ram Manohar Lohia Rajkiya Chikitsalay in a month, allegedly due to oxygen&medicines shortage, probe ordered pic.twitter.com/0SxDacZu7h
— ANI UP (@ANINewsUP) September 4, 2017
रिपोर्ट में लिखा था कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से एसएनसीयू में बच्चों की मौत हुई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने लोहिया महिला चिकित्सालय के सीएमएस, सीएमओ, वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। फर्रुखाबाद कोतवाली में एफआईआर का कागज पहुंचते ही पुलिस हरकत में आई और मामले की जांच पड़ताल तेज कर दी। इस बीच डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी। डॉक्टरों का कहना था कि डीएम की कमेटी नॉन टेक्निकल थी कमेटी ने रिपोर्ट सही नहीं दी।