हल्द्वानी के बुद्ध पार्क से शुरू हुए आक्रोशित विरोध में सैकड़ों लोग, महिलाओं और स्थानीय कलाकारों ने आरोपी को फिर से फांसी देने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने प्रशासन व न्याय व्यवस्था पर कड़े सवाल खड़े किए हैं।

Story Highlights:
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आरोपी बरी, जनाक्रोश
- सड़क पर जनता, महिलाओं ने किया प्रदर्शन
- कलाकार, विधायक समेत सभी ने मांगी फांसी
- सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का किया ऐलान
2014 में हल्द्वानी में हुए सात वर्षीय मासूम कशिश हत्याकांड ने प्रदेश ही नहीं, देश को भी झकझोर दिया था। पिथौरागढ़ निवासी कशिश एक शादी समारोह में भाग लेने काठगोदाम आई थी, लेकिन अचानक लापता हो गई। पांच दिन बाद उसका शव गौला नदी के पास जंगल में मिला। जांच में खुलासा हुआ कि मासूम के साथ दुष्कर्म कर बेरहमी से उसकी हत्या की गई.
इस मामले के मुख्य आरोपी अख्तर अली को निचली अदालत और हाईकोर्ट ने पोक्सो एक्ट व आईपीसी की धारा 376 के तहत फांसी की सजा दी थी। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपी को बरी कर दिया। इस फैसले के बाद हल्द्वानी सहित पूरे उत्तराखंड में लोगों में ज़बरदस्त गुस्सा देखने को मिला। पीड़ित परिवार, सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनता ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.
गुरुवार को बुद्ध पार्क में सैकड़ों प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए। वहां से रैली निकालते हुए वे एसडीएम कोर्ट पहुंचे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोंक भी हुई, लेकिन भीड़ ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए आरोपी के लिए फांसी की मांग की। विरोध में स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश सहित प्रसिद्ध लोक कलाकारों ने भाग लिया। महिलाओं ने पोस्टर और तख्तियां लेकर न्याय का दावा बुलंद किया.
लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला न सिर्फ न्यायालय व्यवस्था पर प्रश्न उठाता है, बल्कि पीड़िता की आत्मा को न्याय दिलाने के लिए कठोर कार्रवाई जरूरी है। राज्य सरकार ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने का ऐलान किया है, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके.