जनपद कासगंज के कोतवाली सिटी के निजामपुर गांव में दलित संजय जाटव की बारात बैंडबाजे के साथ पुलिस की भारी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकली. थी. निजामपुर गांव में 80 साल बाद कोई दलित दूल्हा घोड़ी पर चढ़ा. दूल्हे के पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाने के बाद जिला प्रशासन ने सुरक्षा देने का भरोसा दिया था.
Dalit groom takes out wedding procession after 80 years in Kasganj's Nizampur village under police protection. Bride says, 'Upper caste people in the village said that this has never happened & threatened to attack us. We're less scared as we've got police protection.' (15.07.18) pic.twitter.com/9taYsO8O72
— ANI UP (@ANINewsUP) July 15, 2018
अपर पुलिस अधीक्षक पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया कि गांव में बारात शांति से चढ़ गईं है. दुल्हन की विदाई तक गांव निजामपुर में पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल तैनात रहा और गांव में पुलिस फोर्स तैनात रहेगी. वहीं जनपद में बीते कई महीनों से सुर्खियों में रही दलित संजय जाटव और शीतल की शादी का मसला आखिरकार निपट ही गया और वो दिन भी आ गया जिस दिन विवादित दलित दूल्हा, दुल्हन की शादी संजय जाटव की बारात गाजेबाजों के साथ धूमधाम से चढ़ गई, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एक रूटमैप भी तैयार किया था.
शादी के दौरान दुल्हन के परिजनों में ख़ुशी के साथ-साथ दहशत भी थी क्योंकि सवर्ण समाज के ठाकुर जाति के लोगों ने दलित दुल्हन शीतल के परिजनों को धमकी भी दी थी.
150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों शादी में दलित दूल्हे संजय और दुल्हन शीतल की शादी का जिम्मा संभाल रखा था. बारात के मार्ग के घरों की छतों पर भी भारी मात्रा में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. सवर्ण समाज के ठाकुर जाति के लोगों ने दलित दुल्हन शीतल के परिजनों को धमकी भी दी थी.
एएसपी ने बताया गया कि एक प्लाटून पीएसी के अलावा दो इंस्पेक्टर, 12 एसओ, 12 उपनिरीक्षक, 70 कांस्टेबल एवं 10 महिला कांस्टेबल के अलावा होमगार्ड आदि व पुलिस फ़ोर्स की भारी मात्रा में तैनाती की गई है.