पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां जोर पकड़ रही हैं, इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव 2024 के बाद के नतीजों और सरकार का स्वरूप कैसा बनेगा इसे लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है।
बसपा सुप्रीमो ने गुरुवार को अपनी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में यूपी और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि तेजी से बदल रहे राजनीतिक हालात को देखते हुए केंद्र में गठबंधन की सरकार की संभावना बन रही है। और इसमें बसपा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
मायावती ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक हालात से साफ है कि 2024 में किसी एक पार्टी का वर्चस्व ना होकर बहुकोणीय संघर्ष होगा।
यूपी में 2022 के विघानसभा चुनाव में बसपा सिर्फ एक सीट तक सिमट कर रही गई लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना था कि उन्हें पार्टी और मूवमेंट के प्रति जबर्दस्त लगाव देखने को मिल रहा है और इससे साफ है कि लोकसभा चुनाव में अपेक्षा के अनुसार बेहतर रिजल्ट आएगा। उन्होंने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से कहा कि ईमानदारी और निष्ठा के साथ मेहनत करके अच्छा रिजल्ट हासिल किया जा सकता है।
मायावती ने इस दौरान भाजपा, सपा और कांग्रेस तीनों की दलों पर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि भाजपा भी सपा सरकार की तरह से सभी 75 जिलों में समग्र विकास की बजाय सिर्फ कुछ गिने-चुने जिलों पर सरकारी धन लुटा रही है। मायावती का कहना था कि भाजपा भी सपा और कांग्रेस की तरह से अपने काम के दम पर जनता से वोट मांगने की स्थिति में नहीं है।
बताते चलें कि बसपा प्रमुख मायावती ने पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। इसमें बसपा को सपा की तुलना में ज्यादा फायदा हुआ था और बसपा के खाते में सपा की 5 सीटों के मुकाबले 10 सीटें आई थीं। इस चुनाव में सपा ने आरोप लगाया था कि सपा के वोट तो बसपा को ट्रांसफर हुए लेकिन बसपा के वोट सपा को नहीं आए। यह गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चला और सपा-बसपा अलग हो गए।
भाजपा विरोधी दल आगामी लोकसभा चुनाव के लिए इंडिया गठबंधन बना चुके हैं लेकिन बसपा अभी विपक्षी पार्टियों के इस इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं है। मायावती ने साफ किया है कि उनकी पार्टी यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पिछले कई चुनावों से उत्तर प्रदेश में बसपा का चुनावी प्रदर्शन खराब ही होता गया है। मायावती भले कह रही हैं कि उनकी पार्टी 2024 में महत्वपूर्ण भूमिका में होगी…लेकिन फिलहाल तो इसका कोई ठोस आधार नहीं दिख रहा। देखना होगा कि आने वाले दिनों में बसपा ऐसा क्या करती है जिससे खेल उसके पक्ष में हो सकता है।