आगामी लोकसभा चुनावों का ऐलान होने में अब करीब 7-8 महीनों का ही वक्त बचा है। ऐसे में यूपी के सभी सियासी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। भाजपा जहां छोटे-छोटे दलों और दूसरे दलों से आने वाले जनाधार वाले नेताओं को अपने साथ जोड़ने पर फोकस कर रही है वहीं सपा की रणनीति क्या होगी इसको लेकर भी काफी चर्चाएं हो रही हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो समाजवादी पार्टी आजकल बूथ मैनेजमेंट की तैयारी में जुटी हुई है।
समाजवादी पार्टी ने बूथ मैनेजमेंट के लिए माइक्रो लेवल पर प्लान तैयार किया है। सपा की खास नजर उन फ्लोटिंग वोटों पर है जो किसी दल के प्रति प्रतिबद्ध नहीं होते और आखिरी समय में अपना मन बनाते हैं। सपा इन्हीं फ्लोटिंग वोटरों को सपा सरकार के दौरान हुए कार्यों और मौजूदा सत्ता पक्ष की नाकामियां बता रही है।
दरअसल, खबरें यह हैं कि सपा ने पिछले दो लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनावों में भाजपा के बूथ मैनेजमेंट पर गहराई से नजर डाली है। अब सपा ने भी भाजपा से सबक लेते हुए हर बूथ पर 10 सदस्यों की कमेटी बनाई है। इनमें ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व को ज्यादा महत्व दिया गया है।
इस बूथ लेवल की कमेटी को कहा गया है कि वह अपने बूथ पर कम से कम 100 वोटरों से संपर्क करे। उन्हें सपा शासन के दौरान हुए कार्यों के बारे में बताए और सुनिश्चित करने का प्रयास करे कि वह चुनाव में सपा का साथ दें।
यह बूथ कमेटी अपने संपर्क में आने वाले वोटरों का पूरा रिकॉर्ड रखेगी। बूथ कमेटी के ऊपर सेक्टर कमेटियां बनाई गई हैं और इनके ऊपर जोनल कमेटी होंगी। एक जोन में 6 सेक्टर रखे गए हैं। हर विधानसभा क्षेत्र में 6 जोन बनाए गए हैं और इनकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है।
बूथ लेवल पर काम करके पार्टी-संगठन को मजबूत करने और चुनावी कामयाबी पाने में भाजपा और आम आदमी पार्टी ने काफी सफलता पाई है। अब इसी रास्ते पर समाजवादी पार्टी भी चल पड़ी है।
आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा जहां सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर चल रही है वहीं सपा ने भाजपा को सभी 80 सीटों पर हराने का संकल्प लिया है। अब देखना होगा कि किसकी रणनीति कामयाब होती है।