लखनऊ. राजधानी लखनऊ से अब आध्यात्मिक नगरी वाराणसी आना-जाना बहुत ही आसानी के साथ और एक घंटे से भी कम समय में संभव हो सकेगा। वाराणसी और लखनऊ के बीच गुरुवार से सीधी फ्लाइट सेवा शुरू हो गई है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लखनऊ से वाराणसी के लिए सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत की।
इंडिगो एयरलाइंस की लखनऊ-वाराणसी, वाराणसी-लखनऊ फ्लाइट सप्ताह में 3 दिन उड़ान भरा करेगी। मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को सीधी फ्लाइट दोपहर 2.20 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से फ्लाइट उड़ान भरेगी। वहीं रिटर्न फ्लाइट शाम 4.05 बजे वाराणसी एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए उड़ान भरेगी। बताया गया है कि वाराणसी से लखनऊ की हवाई दूरी लगभग एक घंटे तय की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार और इंडिगो प्रबंधन के सहयोग से ये दो बड़े शहर हवाई मार्ग से जुड़ रहे हैं। कारोबारियों और श्रद्धालुओं की बड़ी मांग अब पूरी हुई है। काशी आध्यात्मिक सांस्कृतिक राजधानी है। सीएम ने कहा, उड़ान योजना के तहत प्रधानमंत्री के हवाई चप्पल पहनने वाले का हवाई यात्रा करने का सपना पूरा किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अध्यात्मिक राजधानी वाराणसी ने पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाईयों को छुआ है। न केवल आध्यात्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में बल्कि भौतिक विकास के क्षेत्र में भी जो नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्हें देखते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ से वाराणसी का जुड़ना बहुत महत्वपूर्ण था।
प्रदेश में पिछले छह वर्ष के अंदर वायु सेवा का तीव्र गति से विस्तार हुआ है। वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में दो एयरपोर्ट थे वाराणसी और लखनऊ। गोरखपुर और आगरा आंशिक रूप से क्रियाशील थे। प्रयागराज को कुंभ के समय प्रारंभ किया था। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश के अंदर नौ एयरपोर्ट पूरी तरह क्रियाशील हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय 12 एयरपोर्ट पर हम कार्य कर रहे हैं। इसमें दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं। पहला अयोध्या एयरपोर्ट है जो अगले तीन महीने के अंदर तैयार हो जाएगा, सुरक्षा सहित अन्य औपचारिकताओं को पूर्ण करके इसे हम नवंबर और दिसंबर में क्रियाशील कर देंगे। दूसरा एशिया का सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट राज्य सरकार गौतम बुद्ध नगर के जेवर में बना रही है। इस वर्ष के अंत तक यहां पहला रनवे बनकर तैयार हो जाएगा। कार्गो की सेवाओं को विस्तार करते हुए उत्तर प्रदेश को निर्यात के हब के रूप में स्थापित करेंगे।