लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम में 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियुक्तिपत्र वितरित किया। संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि अपेक्षित विकास के अभाव में कई प्रदेश आज भी बीमारू राज्य का टैग लेकर चल रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश इससे बाहर निकल चुका है और सक्षम राज्य बनने की राह पर है। नीति आयोग के आंकड़े इसका सुबूत हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015-16 में उत्तर प्रदेश में करीब छह करोड़ लोग यानी राज्य की आबादी का के करीब 37.68 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे थे। हमारे प्रयासों से 2019-20 में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का प्रतिशत 37.68 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में यह सभी को आश्चर्यचकित करते हुए यह 12 प्रतिशत पर है।
सीएम ने पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल में राज्य के युवाओं को पहचान के संकट का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि जब भी सरकारी नौकरी निकलती थी तो चाचा और भतीजा झोला लेकर वसूली पर निकल पड़ते थे। इससे प्रदेश का प्रतिभाशाली नौजवान ठगा रह जाता था। आज प्रदेश के आयोग या बोर्ड पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता है।