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राजभर बोले ‘दूल्हे के साथ बाराती भी सुंदर होने चाहिए’, घोसी में जीत को लेकर बड़ा दावा

घोसी उपचुनाव में जहां भाजपा और सपा की साख दांव पर लगी है वहीं ओमप्रकाश राजभर के लिए भी यह बड़ी चुनौती बना हुआ है। भाजपा ने यहां सपा से इस्तीफा देकर आए पूर्व मंत्री दारासिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है तो सपा ने पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

opprakash rajbhar

मऊ. घोसी सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन, दोनों ने ही पूरा जोर लगाया हुआ है। सत्ताधारी एनडीए खेमे से एक तरफ मंत्रियों की फौज चुनाव प्रचार में उतरी हुई है तो विपक्षी इंडिया गठबंधन से समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं ने भी घोसी में डेरा डाला हुआ है। एनडीए खेमे से सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी लगातार घोसी क्षेत्र में डटे हुए हैं। सुभासपा अध्यक्ष भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त दिख रहे हैं और उन्होंने जीत का अंतर बताते हुए काफी दिलचस्प टिप्पणी की है।

घोसी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की जीत के लिए ओम प्रकाश राजभर यहां दिन रात मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी की जीत को लेकर दावा किया है कि भाजपा 50 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर जीतेगी। ओम प्रकाश राजभर ने दावा किया पूर्वांचल में सुभासपा का जनाधार है। यहां संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल और बीजेपी का जनाधार है। सपा तो बस इस बात को लेकर परेशान है कि किसी तरह उनकी जमानत बच जाए। यहां कोई लड़ाई नहीं है। जनता एकतरफा भाजपा के पक्ष में वोट करेगी।

घोसी में भाजपा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत है तो भाजपा गठबंधन के मंत्रियों की फौज उतारने की जरूरत को लेकर सवाल किया गया तो राजभर ने दिलचस्प अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि दूल्हे के साथ बाराती भी तो अच्छे होने चाहिए। राजभर का कहना था कि ‘बारात में बाराती भी सुंदर होना चाहिए। दूल्हे को सजाया जाता है तो बाराती भी तो सजते हैं। दूल्हे के साथ बाराती भी अच्छे होने चाहिए’।

ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के मऊ दौरे को लेकर कहा कि जब वो यहां आएंगे और भीड़ देखेंगे तो उनके दिल में इस बात को लेकर बहुत कष्ट होगा कि अगर राजभर उनके साथ होते तो नैया पार हो गई होती। राजभर ने तंज कसते हुए कहा कि सपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अखिलेश यादव के प्रचार में उतरने के बाद पार्टी गर्दा उड़ा देगी तो वह बताएं कि कहां गर्दा उड़ेगा। बारिश हुई है, जमीन गीली है, कोई गर्दा नहीं उड़ेगा। राजभर ने कहा कि सपा ने जो बीज बोया है उसके बाद उन्हें कोई वोट नहीं देगी। वो जिस पीडीए की बात करते हैं चुनाव के समय उसे भूल जाते हैं और उन लोगों को ही मौका नहीं देते हैं।

बताते चलें कि घोसी उपचुनाव में जहां भाजपा और सपा की साख दांव पर लगी है वहीं ओमप्रकाश राजभर के लिए भी यह बड़ी चुनौती बना हुआ है। भाजपा ने यहां सपा से इस्तीफा देकर आए पूर्व मंत्री दारासिंह चौहान को उम्मीदवार बनाया है तो सपा ने पूर्व विधायक सुधाकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा की जीत से साबित होगा कि ओमप्रकाश राजभर पूर्वांचल में वोट ट्रांसफर करवाने की क्षमता रखते हैं। अगर सपा की जीत हुई तो राजभर के दावों पर सवाल उठेंगे और भाजपा में उन्हें महत्व मिल पाना मुश्किल होगा।

अब बात घोसी से जातीय समीकरणों की तो घोसी विधानसभा क्षेत्र में अगड़ी जातियों के लगभग 70 हजार, ओबीसी जातियों के लगभग डेढ़ लाख वोटर, दलित वोटरों की संख्या करीब 60 से 70 हजार और मुसलमान वोटर भी 60 से 70 हजार के बीच माने जाते हैं। इनमें सिर्फ ओबीसी की बात करें तो सिर्फ चौहान और राजभर को मिलाकर एक लाख वोट होने का दावा किया जाता है।

पिछले चुनाव यानी 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को 42.2 प्रतिशत वोट मिले थे, उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर को लगभग 22 हजार वोटों से हराया था। तब बसपा के उम्मीदवार रहे वसीम इकबाल को 54 हजार वोट मिले थे। इस बार बसपा मैदान में नहीं है और ओमप्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान दोनों पाला बदल चुके हैं। देखना होगा कि इनके साथ क्या जनता भी पाला बदल चुकी है या नहीं।

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