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गुड्डू जमाली समाजवादी पार्टी में शामिल, समझिए क्या असर होगा पूर्वांचल की सीटों पर

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी राज्यसभा चुनाव में भले ही भाजपा की रणनीति के आगे मात खा गई लेकिन अगले ही दिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तुरुप का पत्ता चल दिया है। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी में पूर्वांचल खासतौर पर आजमगढ़ और आसपास का जिलों में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को समाजवादी पार्टी में शामिल करा लिया है।


गुड्डू जमाली को लखनऊ में सपा के प्रदेश कार्यालय में अखिलेश यादव और शिपवाल सिंह यादव के बीच कुर्सी पर जगह दी गई थी। वहीं पर गुड्डू जमाली को लाल टोपी पहना कर सपा में शामिल कराया गया। इस मौके पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि “मैं गुड्डू जमाली जी का स्वागत करता हूं। 24 में भविष्य की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं। इस पार्टी में आपको रहकर अपने घर जैसा लगेगा, आप अपनी पार्टी में वापस आए हैं।”


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि “जिस तरीके से कभी समुद्र मंथन हुआ था, इस बार संविधान मंथन होने जा रहा है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं, दूसरी तरफ वह लोग हैं जो संविधान की धज्जियां उड़ाना चाहते हैं।”


गुड्डू जमाली का स्वागत सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने भी किया। शिवपाल यादव ने कहा कि शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली और उनके समर्थकों को सपा में पूरा सम्मान मिलेगा।


समर्थकों के साथ सपा में शामिल हुए गुड्डू जमाली ने कहा कि वह जन्म भर समाजवादी पार्टी के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह धर्म की राजनीति के खिलाफ समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए आए हैं।


गुड्डू जमाली की गिनती उत्तर प्रदेश के सबसे अमीर राजनेताओं में होती है। उनकी कुल संपत्ति 200 करोड़ रुपए के आसपास बतायी जाती है। वह आजमगढ़ के जमालपुर के निवासी हैं और उनके पिता अधिवक्ता रहे हैं। आजमगढ़ में पढ़ाई के अलावा दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी से उन्होंने उच्च शिक्षा ली है।


शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का पूर्वांचल में मुस्लिम वोटरों पर अच्छा प्रभाव है। सिर्फ आजमगढ़ ही नहीं मऊ जिले और आसपास के क्षेत्र में भी वह असर रखते हैं। गाजीपुर में अफजाल अंसारी को सपा उम्मीदवार बनाए जाने से गुड्डू जमाली की अपील का असर भी बढ़ेगा।


गुड्डू जमाली की सियासी ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगा सकते हैं कि अखिलेश यादव के आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफे के बाद हुए उपचुनाव में गुड्डू जमाली को करीब ढाई लाख वोट मिले थे। वहीं सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव पर बीजेपी के निरहुआ की जीत का अंतर 10 हजार से भी कम वोटों का था। निरहुआ की जीत के लिए गुड्डू जमाली के काटे वोटों को ही जिम्मेदार माना गया था।


अब जब गुड्डू जमाली समाजवादी पार्टी के साथ जा चुके हैं तो आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी काफी मजबूत हो गई है। कहा जा रहा है कि सपा गुड्डू जमाली को एमएलएसी बना सकती या फिर शायद आजमगढ़ से लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार ही बना दे। जो भी हो गुड्डू जमाली को सपा की तरफ से किसी ना किसी सदन में भेजा जाएगा और जमाली के सियासी रसूख का असर समाजवादी पार्टी को मिलेगा।

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