Home विविध ऐसी हुई कुटाई कि यूएन में रोने लगा पाकिस्तान, भारत ने कहा...

ऐसी हुई कुटाई कि यूएन में रोने लगा पाकिस्तान, भारत ने कहा पीओके खाली करो

pAKISTAN pm aNWAR UL hAQ

कंगाली की कगार पर खड़ा पाकिस्तान दुनिया के किसी भी मंच पर कश्मीर राग को छेड़ना नहीं भूलता। पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक काकर ने UN जनरल असेंबली में एक बार फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया। इसके बाद तो भारत की तरफ से ऐसी कुटाई की गई कि पाकिस्तान को रोना ही आ गया।


UN में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोत ने कहा कि पाकिस्तान को इस मंच का दुरुपयोग करने की आदत हो गई है। वो इसका इस्तेमाल लगातार भारत को लेकर बेतुके और गलत प्रचार करने के लिए करता है। वो अपने देश के मसलों से ध्यान भटकाने के लिए बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाता है।


पेटल गहलोत ने राइट टु रिप्लाई के तहत पाकिस्तान को जवाब दिया। PoK का नाम लिए बिना कहा, ‘सबसे पहले तो पाकिस्तान उन इलाकों को खाली करे, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है। साथ ही उसे 26/11 मुंबई हमलों के दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।’


पेटल ने कहा, ‘पाकिस्तान आतंकवाद पर भी कार्रवाई करे और सीमा पर आतंकवाद को शह देना बंद करे। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकार उल्लंघन पर रोक लगाई जाए। दुनिया के सबसे खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड वाला देश पाकिस्तान है।’


दरअसल, इससे पहले पाकिस्तान के केयर टेकर प्रधानमंत्री ने UNGA के 78वें सेशन में एक बार फिर से कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा था कि कश्मीर भारत के साथ बेहतर रिश्तों की कुंजी है और विकास के लिए शांति बहुत जरूरी है। उन्होंने कश्मीर में जनमत संग्रह और सेना की तैनाती जैसे मुद्दे भी उठाए।


इस पर भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी गहलोत ने पूरी मजबूती से कहा कि- खासकर जब अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों की बात आती है, तो पाकिस्तान की हालत बहुत खराब है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने से पहले पाकिस्तान अपना घर दुरुस्त कर ले। उन्होंने कहा कि साउथ एशिया में शांति कायम करने के लिए पाकिस्तान को तीन कदम उठाने की जरूरत है।
पहला कदम- सीमा पार आतंकवाद को रोकना और उसके बुनियादी ढांचे को तुरंत बंद करना होगा।
दूसरा कदम- जबरन कब्जे वाले भारतीय क्षेत्रों को खाली करना होगा।
तीसरा कदम- अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना चाहिए।


भारतीय डिप्लोमैट गहलोत ने कहा- यूनियन टेरेटरी जम्मू-कश्मीर के साथ लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं। पाकिस्तान को भारत के घरेलू मामलों के बारे में बयान देने का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान ने दुनिया में सबसे ज्यादा उन आतंकियों को पनाह दी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित हैं। गहलोत ने आगे कहा- पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का एक सबसे बड़ा उदाहरण अगस्त 2023 में जारनवाला में अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के खिलाफ हुआ अत्याचार है। इसमें कुल 19 चर्चों को नष्ट कर दिया गया और 89 ईसाइयों के घर जला दिए गए थे। ऐसा ही कुछ व्यवहार अहमदिया समुदाय के लोगों के साथ भी होता है, जिनके पूजास्थलों को नष्ट कर दिया जाता है।


पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों खासकर हिंदू, सिख और ईसाइयों की महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। उनके अपने मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदायों की करीब एक हजार महिलाओं पर अपहरण, धर्म परिवरर्तन और जबरदस्ती शादी जैसे जुर्म होते हैं। जाहिर है ऐसे जवाब सुन कर पाकिस्तान को उसकी औकात का पता चल गया

Previous articleहंस कर फंसे हर्षवर्धन, अब दे रहे सफाई
Next articleकनाडा को पाकिस्तान के रास्ते पर ले जा रहे हैं जस्टिन ट्रूडो!