दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को लेकर बहुत बड़ी खबर आई है। सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोषसिद्धि पर रोक रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक अपील लंबित है, तब तक सजा पर अंतरिम रोक रहेगी। अदालत ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं। व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। कोर्ट ने कहा कि राहुल को अधिक सावधानी रखनी चाहिए थी।
राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस शुरू की थी। कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक के लिए आज एक असाधारण मामला बनाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह जानना चाहता है कि राहुल गांधी को अधिकतम सजा क्यों दी गई। अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते। कोर्ट की टिप्पणी पर शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि राहुल गांधी को पहले ही आगाह किया गया था लेकिन उनके चरण में कोई बदलाव नहीं आया।
पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने राहुल का बयान पढ़ते हुए कहा कि क्या यह एक पूरे वर्ग का अपमान नहीं है? पीएम मोदी से राजनीतिक लड़ाई के चलते मोदी नाम वाले सभी लोगों को बदनाम कर रहे हैं।
राहुल गांधी की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें दी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम ‘मोदी’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हम असहमति रखते हैं। राहुल गांधी कोई कट्टर अपराधी नहीं हैं। वह पहले ही संसद के दो सत्रों से दूर रह चुके हैं।
सूरत कोर्ट के राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। गुजरात हाई कोर्ट ने भी राहुल की सजा पर रोक से इनकार कर दिया था। निचली अदालत से दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया था। लोकसभा सचिवालय ने आदेश जारी कर दो साल की सजा सुनाए जाने आधार पर राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी थी।