Home उत्तर प्रदेश जनसंख्या, रोजगार और सेलेबस..सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार

जनसंख्या, रोजगार और सेलेबस..सीएम योगी के बयान पर अखिलेश यादव का पलटवार

देश भर में आज अगस्त क्रांति दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित कार्यालय में में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस दौरान अगस्त क्रांति के नायकों को याद किया और इशारों में भाजपा पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि 'गांधी जी और समाजवादियों ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए वह लगातार काम करते रहेंगे'। अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था।

लखनऊ. देश भर में आज अगस्त क्रांति दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित कार्यालय में में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस दौरान अगस्त क्रांति के नायकों को याद किया और इशारों में भाजपा पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि ‘गांधी जी और समाजवादियों ने जो सपने देखे थे, उन्हें पूरा करने के लिए वह लगातार काम करते रहेंगे’। अखिलेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया था।

इस दौरान सपा प्रमुख ने विधानसभा में बहस के दौरान मुख्यमंत्री के जनसंख्या वाले बयान को लेकर कहा कि उनका सवाल यह था कि साल 2017 से 2022 तक 15 साल तक की उम्र के बच्चों के भविष्य और रोजगार के लिए सरकार ने क्या कदम उठाएं हैं। अखिलेश ने कहा कि सवाल आबादी का नहीं बल्कि रोजगार देने का था। इस पर मुख्यमंत्री बेरोजगारी दर बताने लगते हैं। ऐसे में उनसे रोजगार की क्या उम्मीद लगाई जा सकती है। उन्होंने एक बार फिर सवाल करते हुए कहा कि ‘क्या नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत उनका भविष्य बेहतर हो सकता है’

दरअसल, मंगलवार को राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रश्नकाल के दौरान जब सपा विधायक संग्राम सिंह यादव के सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें बढ़ती बेरोजगारी के संदर्भ में इंटर कालेजों में रोजगारपरक पाठ्यक्रमों को शामिल करने के बारे में सवाल किया गया था, उसी समय अखिलेश यादव ने 15 साल तक की उम्र के बच्चों को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल किया था।

सीएम योगी ने अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कहा कि यह कहते हुए कि मुझे अच्छा लगा कि नेता विरोधी दल को अब जनसंख्या की चिंता सता रही है। उसी को नियंत्रित करने के लिए हम समान कानून की बात कर रहे हैं। हैं। समाजवादियों में कुछ तो प्रगति हुई। प्रगति के बारे में सोचना अच्छी बात है।

सीएम योगी ने इसके साथ ही कहा अभी एक सदस्य ने बेसिक शिक्षा के विषय में एक प्रदेश, एक कोर्स और एक मूल्य को लेकर सवाल पूछा था। इसमें एक देश और एक कानून को भी जोड़ते तो अच्छा होता। सीएम ने कहा कि वर्ष 2016-17 में यूपी में बेरोजगारी दर 19 प्रतिशत से अधिक थी लेकिन आज यह घट कर 3 से 4 प्रतिशत के बीच रह गई है। यह सबूत है कि यूपी में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और लोगों को पारदर्शी तरीके से नौकरियां मिल रही हैं। कोई भी सरकारी भर्ती प्रक्रिया न्यायालय में लंबित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू है। इसमें माध्यमिक शिक्षा में सामान्य पाठ्यक्रमों के समानांतर पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नोलाजी, डाटा एनालिसिस, थ्री-डी प्रिंटिंग जैसे तीन से छह महीने के सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये गए हैं। उन्होंने कहा कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश में नकलविहीन परीक्षा और इस वर्ष मात्र 29 दिन में यूपी बोर्ड की परीक्षा को संपन्न कराकर परिणाम भी घोषित कर देना राज्य में हो रहे शैक्षिक सुधार का हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने 1.64 हजार से अधिक बेसिक और माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती की है। अब बेसिक, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक व व्यावसायिक शिक्षा के साथ ही संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों की भर्ती यूपी राज्य शिक्षा सेवा आयोग के माध्यम से की जाएगी। इस आयोग के गठन के लिए सरकार विधेयक लेकर आई है। विधेयक पर सदस्यों के जो भी सुझाव आएंगे उन पर सरकार विचार करेगी।

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