लखनऊ. मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर नामांकन की आखिरी तारीख से 4 दिन पहले समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने घोसी सीट पर अपने पुराने नेता पर भरोसा जताया है। घोसी सीट से सपा ने सुधाकर सिंह को उम्मीदवार घोषित किया है। घोसी में दारा सिंह चौहान के इस्तीफे की वजह से उपचुनाव हो रहा है जो अब सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
माना जा रहा है कि दारा सिंह चौहान ही घोसी उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हो सकते हैं। घोसी सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए 17 अगस्त तक नामांकन किया जाएगा और नाम वापसी के लिए उम्मीदवारों को 21 अगस्त तक का समय रहेगा। घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 5 सितम्बर को मतदान होगा और 8 सितंबर को वोटों की गिनती होगी।
सुधाकर सिंह पुराने सपाई हैं। उनकी शिक्षा की बात करें तो वह एमए ,एलएलबी कर चुके हैं। वह 1996 में नत्थूपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। 2012 में परिसीमन के बाद नत्थूपुर सीट को घोसी विधानसभा सीट के नाम से जाना जाने लगा। 2012 में भी सुधाकर सिंह को घोसी में जीत मिली। 2017 में भी उन्हें सपा ने टिकट दिया लेकिन वह भाजपा के फागू चौहान से हार गए। इसके बाद भागू चौहान को राज्यपाल बनाए जाने से घोसी में उपचुनाव हुआ तो 2020 में सुधाकर सिंह को भाजपा ने फिर से टिकट दिया लेकिन वह इस बार भी भाजपा के विजय राजभर से चुनाव हार गए।
पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने घोसी से दारा सिंह चौहान को टिकट दिया और सुधाकर सिंह को नजदीकी मधुबन सीट से टिकट दिया था लेकिन बाद में सुधाकर सिंह का टिकट काट कर उमेशचंद्र पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया था। सुधाकर सिंह इससे काफी नाराज हुए थे लेकिन उन्होंने सपा नहीं छोड़ी। इसका इनाम उन्हें फिर मिला है और इस उपचुनाव में उन्हें एकबार फिर से सपा ने घोसी से उम्मीदवार बनाया है।
घोसी विधानसभा सीट पर इस बार चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है साथ ही दारा सिंह चौहान और खासकर सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के लिए भी यह खुद को साबित करने का मौका है। ओमप्रकाश राजभर लगातार कहते रहे हैं कि उनकी पार्टी के वोटों की वजह से ही सपा को पूर्वांचल में कामयाबी मिली, अब उन्हें भाजपा प्रत्याशी को भारी मतों से जिता कर इसे साबित भी करना होगा।