स्थित बलिहार गांव में बबुना देवी और घनश्याम मिश्र के घर जन्मे कृष्ण बिहारी मिश्र अपनी माता-पिता की एकमात्र संतान थे. गांव की पाठशाला में उनका शुरुआती पठन-पाठन हुआ. इसके बाद गोरखपुर के मिशन स्कूल, काशी हिंदू विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा हासिल की. आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र और आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी सरीखे विद्वानों के अलावा आचार्य नंददुलारे वाजपेयी एवं आचार्य चंद्रबली जैसे प्रकांड पंडितों का सान्निध्य इन्हें मिला.
डॉ कृष्ण बिहारी मिश्र ने हिंदी पत्रकारिता विषयक अनुशीलन पर कलकत्ता विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. लंबे अरसे तक उन्होंने अध्यापन का काम किया. कलकत्ता विश्वविद्यालय (अब कोलकाता विश्वविद्यालय) से संद्ध बंगवासी मॉर्निंग कॉलेज से 30 जून 1996 को रिटायर हुए. देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और सरकारी विद्या-प्रतिष्ठानों के सारस्वत प्रसंगों में सक्रिय भूमिका निभायी. अनेक राष्ट्रीय अंर्राष्ट्रीय विचार-गोष्ठियों में उन्होंने भागीदारी की. अपनी पीढ़ी के जाने-माने ललित निबंधकार थे.